हमारे धर्म शास्त्रों में बताया गया है कि शिव जी को डमरू अत्यंत प्रिय है | जब भी महादेव प्रसन्न होते है, वे डमरू बजाते है और जब क्रोधित होते है तब भी डमरू बजाते है | वैसे हमारी हथेली में डमरू के निशान को बहुत ही शुभ माना गया है | ये लोग बेहद ही भाग्यशाली होते है, इनको भगवान शिव की कृपा से जीवन में कई तरह की खुशियां मिलती है | आज हम आपको इस चिन्ह से जुडी जानकारियां देने आये है |
बृहस्पति पर्वत पर हो डमरू का निशान
हस्तरेखा शास्त्र में डमरू का निशान बहुत ही शुभ माना गया है, ऐसा बताया जाता है कि ये जिस भी व्यक्ति की हथेली में होता है | वो बहुत ही भाग्यशाली होता है, उस पर भगवान शिव की विशेष कृपा बनती है | हालाँकि ये निशान बहुत ही कम लोगो की हथेली में पाया जाता है | हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार ऐसा बताया गया है कि जिसके भी हथेली में यह निशान बृहस्पति पर्वत पर होता है, वह अपने जीवन में उच्च पद प्राप्त करता है |
डमरू का ये भी होता है आशय
ऐसा बताया गया है कि डमरू का निशान इस बात का भी संकेत देता है कि व्यक्ति को कभी भी जीवन में धन की कमी का सामना नहीं करना पड़ेगा और अपने करियर में भी वो ऊंचाइयां छुएगा | ये निशान यह भी बताता है कि ऐसे निशान वाले व्यक्ति आध्यात्म की ओर भी अधिक आकर्षित होते है |
यदि डमरू के साथ बनता हो त्रिभुज
हस्तरेखा शास्त्र में बताया गया है कि जिस व्यक्ति की हथेली में डमरू के साथ त्रिभुज का निशान बनता है | वो अत्यंत भाग्यशाली होता है, हालाँकि ऐसा बहुत ही दुर्लभ है | लेकिन जिसके भी ये निशान होता है, उसे अपने जीवन में किसी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है | उसका कोई कुछ नहीं बिगाड़ पाता है, साथ ही ऐसे लोग वाकपटुता में भी माहिर होते है |